विवादित: गरीब हो तो ज़मीन पर मेहनत करो पलंग पर नहीं: योगी आदित्यनाथ

CEO Sundar Pichai replies to 7-year-old girl who wanted a job in Google
Cause Celeb: Ashton Kutcher testifies in the Senate on modern slavery

Cause: Ending modern slavery, which the State Department defines as human trafficking in which people are exploited for labor or sex. Celeb: Ashton Kutcher, the former underwear model-turned-TV star whose goofy demeanor and early stoner/slacker roles (think “Dude, Where’s My Car?” and “That ’70s Show”) belie the entrepreneur and tech investor he has become. Kutcher’s got cred on the issue at hand: He’s the co-founder of Thorn, an organization he established with his now-ex-wife, actress Demi Moore, that uses technology to help identify and locate trafficking victims. Scene: A hearing before the Senate Foreign Relations Committee, where though the topic was weighty, there were a few lighthearted moments for the actor, who looked Senate-appropriate in a dark suit and tie (though his tousled hair was decidedly un-Washington).
Breaking News:अलगाववादी फिर कर रहे हैं कश्मीर को भड़काने की कोशिश –
मुसलमानों की बढ़ती आबादी पर लगेगी रोक! मोदी सरकार लाने वाली है ये कड़ा कानून…
हम बात कर रहे हैं असम कि, जहां के कई जिलों में पिछले कुछ दशकों में बंग्लादेशी की घुसपैठियों के कारण मुस्लिम आबादी 80% से ज्यादा हो पहुंच चुकी है। ऐसे तथ्य सामने आए हैं कि असम में जब कांग्रेस और वामपंथियों की सरकार थी यहां बंगलादेशी घुसपैठियों को वोट बैंक के लालच में फर्ज़ी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय नागरिकता दी की गई। कांग्रेस के शासनकाल में असम में बंग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से मुस्लिम आबादी 35% तक पहुंच गई थी। क्योंकि बांग्लादेशी घुसपैठिये कांग्रेस के लिए हमेशा से एक मजबूत वोटबैंक रहे हैं, जिसका असम के कई नेताओं ने किया है। आपको बता दें कि असम के कई जिलों में इनकी आबादी 80% तक हो गई है।
मोदी सरकार का एक और ऐतिहासिक कदम –
Tamma Tamma Again: Alia Bhatt, Varun Dhawan sizzle in new Badrinath Ki Dulhania song
The second and most anticipated song from Alia Bhatt and Varun Dhawan's next, Badrinath Ki Dulhania is out. The song, Tamma Tamma Again, is a re-imagination of hit 1990's song Tamma Tamma from Thanedaar, featuring Madhuri Dixit and Sanjay Dutt.
The song has been structured around the original song with vocals from Bappi Lahiri and Anuradha Paudwal but has an even more peppy and upbeat vibe to it thanks to a rap verse by Badshah. It could very well be the next Saturday Saturday, a song by Indeep Bakshi and Badshah which got a second life in 2013 when it featured in Humpty Sharma Ki Dulhania.
The title track from the film came out on February 6 and has 18 million views so far.
The film releases on March 10.
भारत के हर मुसलमान की राष्ट्रीयता हिन्दू है: मोहन भागवत!
यूपी चुनाव आते ही एक बार फिर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक बड़ा बयान दिया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने एक बार फिर कहा है कि भारत में जन्मा हर व्यक्ति हिंदू है. देश की एकता के लिए विविधता को अच्छा बताते हुए मध्य प्रदेश के बैतूल में सर संघचालक ने हिंदू सम्मेलन को संबोधित करते हुए बुधवार को कहा कि मुसलमानों की इबादत का तरीका अलग हो सकता है, लेकिन उनकी राष्ट्रीयता हिन्दू है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी को प्रथम चरण के लिए वोट डाले जाएंगे, उससे पहले बैतूल हिन्दू सम्मेलन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है. हिंदू धर्म के बारे में बोलते हुए भागवत ने कहा कि हमारे धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता हैं.
तीन संकल्प भी दिलवाए :
भागवत ने बैतूल में आयोजित इस विशाल हिन्दू सम्मेलन में लोगों से तीन संकल्प लेने की अपील की है. उन्होंने लोगों से कहा कि वे संकल्प लें कि हम सब एक हैं और एक दूसरे के साथ भेद का आचरण नहीं करेंगे. इनके साथ ही भागवत ने लोगों से पर्यावरण संरक्षण और देश का गौरव बढ़ाने वाले कामों को करने का संकल्प लेने को कहा
अंग्रेजों ने टूटा आइना पकड़ा दिया :
भागवत ने कहा कि अंग्रेजों ने हमें टूटा आइना पकड़ा दिया है. उसे देखकर हम आपस में लड़ते-झगड़ते रहते हैं. उस टूटे आइने को फेंक दो और हमारा नया आइना है कि हम एक हैं.
'भारत माता की जय" दिल की भाषा है :
भागवत ने कहा कि 'भारत माता की जय" दिल की भाषा है. इसलिए पूरे देश में कोई भी भाषा बोलने वाला हो, वह भारत माता की जय इन्हीं शब्दों में बोलता है.
भागवत ने हिंदू सम्मेलन में मौजूद लोगों को भारत की विविधता को ही एकता का प्रतीक बताया. साथ ही सभी से जात-पात, भाषा, धर्म से ऊपर उठकर देश के लिए एकजुट होने का आह्वान किया.
जानिये आखिर 39,000 पाकिस्तानियों को सऊदी ने क्यों निकाला बाहर!
अभी हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो आतंकवाद पर नकेल कसते हुए मुस्लिम देशों के नागरिकों पर अमेरिका में प्रवेश पर बैन लगाया था. लेकिन सऊदी अरब ने तो अपने ही देशों के नागरिकों पर नकेल कस दी है. पिछले चार महीनों में 39,000 पाकिस्तानी नागरिकों को सऊदी अरब से वापस उनके देश भेजा गया है. इन्हें डिपॉर्ट करने के पीछे वीजा नियमों के उल्लंघन को कारण बताया गया है.
पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा गया :
सुरक्षा सूत्रों का हवाला देते हुए अपनी रिपोर्ट में सऊदी अखबार ने कहा कि जिन पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा गया है वे वीजा नियमों के उल्लंघन और आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाए गए थे. यही नहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से कई आतंकी संगठन आईएसआईएस के समर्थक भी हो सकते हैं. सऊदी गजट की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कई पाक नागरिक नशीले पदार्थों की तस्करी, चोरी, जालसाजी और शारीरिक उत्पीड़न जैसे अपराधों में भी संलिप्त पाए गए थे. इस रिपोर्ट को तैयार करने में सुरक्षा अधिकारियों की मदद ली गई है और उन्हीं की जानकारी के आधार पर इसे रिपोर्ट का रूप दिया गया है.
सूत्रों के अनुसार बहुत से पाकिस्तानी नशीले पदार्थों की तस्करी, चोरी, जालसाजी और हिंसा के अपराधों में पकड़े गए हैं। इसके मद्देनजर शूरा काउंसिल की सुरक्षा समिति के अध्यक्ष अब्दुल्ला अल सदाउन ने सऊदी अरब में काम के लिए नियुक्ति से पहले पाकिस्तानियों की गहन जांच का आह्वान किया है.
इन सभी घटनाओं को मद्देनजर शाउरा काउंसिल की सुरक्षा समिति के अध्यक्ष अब्दुल्ला अल-सादों ने आदेश दिया कि किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को सऊदी में काम दिए जाने से पहले उसकी अच्छी तरह से जांच की जाए. अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि संबंधित विभागों के पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ भी संपर्क स्थापित किया जाए ताकि सऊदी में नौकरी के लिए आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों की पृष्ठभूमि और अतीत के बारे में पुख्ता जानकारी प्राप्त करने में आसानी हो. अब्दुल्ला ने आगे कहा कि पाकिस्तान से जो भी सऊदी में नौकरी के उद्देश्य के लिए आता है, उसके राजनैतिक और धार्मिक रुझान के बारे में दोनों पक्षों को पूरी जानकारी होनी चाहिए. इसके मद्देनजर शूरा काउंसिल की सुरक्षा समिति के अध्यक्ष अब्दुल्ला अल सदाउन ने सऊदी अरब में काम के लिए नियुक्ति से पहले पाकिस्तानियों की गहन जांच का आह्वान किया है. अल—सदाउन ने कहा, अफगानिस्तान से नजदीकी की वजह से पाकिस्तान खुद आतंकवाद से पीड़ित है. तालिबान चरमपंथी आंदोलन ने खुद पाकिस्तान में जन्म लिया था.
तस्लीमा नसरीन ने कहा की दुनिया में कोई अल्लाह नहीं है …
अपने तीखे ट्वीटों से सुर्खियों में रहने वाली बांग्लादेश की मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने इस्लामिक अल्लाह को ही खारिश कर दिया है ,तस्लीमा नसरीन अपने ट्वीट मैं कहां की दुनिया में कोई अल्लाह ही नहीं है।तस्लीमा नसरीन ने कहा अगर कोई अल्लाह होता तो वह हैवान आतंकियों की खिलाफत करता जो अल्लाह हू अकबर के नारे लगाकर अल्लाह का नाम लेकर लोगों के कत्ल किए जा रहे हैं।
तस्लीमा नसरीन ने जो कहा एक हद तक उनकी बात सही भी लगती है, आपको जानकारी होगी की फ्रांस की राजधानी पेरिस में इस्लामिक आतंकी ने अल्लाह हू अकबर का नारा लगा कर हमला किया था, पर सुरक्षाबलों ने उसे मौके पर ही ढेरकर दिया ,इसी घटना के बाद तसलीमा ने यह ट्वीट किया है ।
असदुद्दीन ओवैसी गरजे नरेन्द्र मोदी और अखिले यादव पर…
असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी के सीएम अखिले यादव और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर गरजते हुए कहा की अखिलेश और मोदी में कोई फर्क नहीं है. दोनों ही विकास के नाम पर जनता को बेवकूफ बनाते हैं. पिता मुलायम सिंह यादव कहते हैं कि अखिलेश मुस्लिम विरोधी है. अब आप पिता पर यकीन करेंगे या बेटे पर. उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने मुलायम, अखिलेश और राजीव गांधी को अपना नेता माना लेकिन उन्होंने इस कौम को सिर्फ छलने का काम किया. इन नेताओं की बुजदिली, नाइंसाफी और उपेक्षा की वजह से हम आपके सामने आ खड़े हुए हैं. हैदराबाद से सांसद ने अखिलेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सपा ने आतंकवाद के झूठे आरोप में जेल में बंद मुस्लिम लड़कों को छुड़ाने की बात कही थी. लेकिन उस पर कुछ काम नहीं किया गया. तीन तलाक के मुद्दे पर ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार को सिर्फ तीन तलाक की याद क्यों आई. उन्हें गुजरात दंगों की शिकार हुई जकिया जाफरी और दादरी कांड में मारे गये अखलाक की मां की याद क्यों नहीं आई. यह सरकार सिर्फ जुमलों पर चल रही है. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही स्लॉटर हाउस बंद करने की बात क्यों कर रही है. पूरे देश में बंद करे.
रोड शो में बोले अखिलेश - 15 लाख नहीं तो 15 हजार ही हर व्यक्ति के खाते में डाल दें
आगरा। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ आगरा में रोड शो पर भी होंगे। आगरा के समीप लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विरोधियों की आलोचना की। उन्होंने नोटबंदी को लेकर भाजपा को आड़े हाथ लिया। सीएम अखिलेश यादव ने बताया कि अब तो किसी के पास 500 रूपए और 1000 रूपए ही नहीं हैं।
अब तो लोगों के खातों में रूपए जमा होना चाहिए। यदि आप 15 लाख रूपए जमा नहीं कर सकते हैं तो फिर केवल 15 हजार रूपए ही लोगों के अकाउंट में जमा करवा दें। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी राज्य को आगे बढ़ाना चाहती है। हम आगरा की बांह का ध्यान रखेंगे यहां का विकास हमारी प्राथमिकताओं में है।
उन्होंने बहुजन समाज पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि हम विकास को ध्यान में रखकर चल रहे हैं राज्य में विद्युत प्रदाय को बेहतर किया गया है। जब तक विकासवादी सरकार नहीं बनेगी प्रदेश तरक्की नहीं कर पाएगा। इसलिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की सरकार बनाने में हमारी मदद कीजिए। हम विकास को महत्व दे रहे हैं।
15 साल बाद गोधरा दंगे के सभी 28 मुस्लिम आरोपी बरी, एक के भी खिलाफ नहीं मिला सबूत
2002 में गुजरात के गोधरा में ट्रेन को आग लगाने के एक दिन बाद भड़के दंगों के लिए आरोपी बनाये गए सभी 28 आरोपियों को कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है.
इन सभी पर गोधरा में ट्रेन को आग लगाने के एक दिन बाद कलोल तालुका के पलियाड गांव में दंगे फैलाने, आगजनी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा था. कोर्ट ने 31 जनवरी को आदेश देकर कहा था कि इस मामले में आरोपी और पीड़ित के बीच समझौता हो चुका है और 28 फरवरी 2002 को हुई हिंसा को लेकर कोर्ट के सामने पर्याप्त सबूत पेश नहीं किए जा सके. इस आदेश में यह भी कहा गया कि अपराध के दृश्य में पंचनामा साबित नहीं हो रहा है.
इस आदेश में यह भी कहा गया कि अपराध के दृश्य के पंचनामा साबित नहीं हो रहा है. बरी किए गए लोगों में ज्यादातर पलियाड गांव के और बाकी तीन अहमदाबाद के रहने वाले हैं. अडिशनल सेशन जज बीडी पटेल के आदेश के मुताबिक शकीलाबेन अजमेरी, अब्बासमियां अजमेरी, नजुमियां सैयद जैसे गवाह भी कोर्ट में पलट गए और 500 लोगों की भीड़ में से लोगों को पहचानने से इनकार कर दिया.
कोर्ट ने वकील की इस बात से सहमत होते हुए कहा कि इस मामले में जांच ठीक तरह से नहीं की गई और यह बात जांच कर रहे अधिकारी ने भी मानी है. कोर्ट ने कहा कि गवाह भी अपनी बात से मुकर गए, जबकि स्वतंत्र गवाह ने भी अभियोजन पक्ष की शिकायत का समर्थन नहीं किया.