पढ़े और शेयर करे: परोस रहे वेटर को मिली खुशखबरी-तुम तो IAS बन गए, यह सुन आंखों से गिरने लगे आंसू
नई दिल्लीः एक कॉफी प्लीज...। जी सर अभी लाया...। हर रोज सुबह से शाम तक इसी अंदाज में फरमाश सुनने और पूरी करने वाले के जयगणेश ने सपने में नहीं सोचा था कि एक दिन वे वेटर से साहब बन जाएंगे। मगर सपने ऊंचे हों और कठिन मेहनत-पक्का इरादा हो तो रेत से भी तेल निकाला जा सकता है। यह साबित कर दिखाया गरीबी में पले-बढ़े जयगणेश ने। पैसे की कमी पूरी करने के लिए दिन भर होटल में नौकरी करते-करते भी पढ़ाई और तैयारी जारी रखी। मेहनत रंग लाई और किस्मत आखिरकार बुलंद हो ही गई। 2008 में आखिरकार सातवें प्रयास में जयगणेश सिविल सर्विसेज परीक्षा में सफल रहे।
आज तमिलनाडु काडर में बतौर आईएएस अफसर सेवा दे रहे।
उस दिन का वाकया जयगणेश कैसे भूल सकते हैं। जब किसी का आर्डर लगा रहे जयणगेश को अचानक टोकते हुए दोस्त ने कहा- तुम अब वेटर नहीं रहे, साहब बन गए। लो मुंह मीठा करो। अब तो तुम्हारा आर्डर चलेगा, तुम्हारी फरमाइश चलेगी। जैसे ही दोस्त ने यह खुशखबरी सुनाई तो जयगणेश रो पड़े।
पढ़िए संघर्ष की कहानी
तमिलनाडु के वेल्लोर जिले के विनावमंगलम गांव के गरीब परिवार में जन्मे जयगणेश चार भाई-बहनों में सबसे बड़े रहे। पिता एक कारखाने में मजदूरी कर किसी तरह परिवार का पेट पालते थे। पढ़ने में के जयगणेश बचपन से ही अव्वल रहे। उन्होंने 91 प्रतिशत अंकों के साथ 12 वीं की परीक्षा पास की। अच्छे प्रतिशत से इंटरमीडिएट पास होने पर पिता को लगा कि बेटा उनकी गरीबी दूर कर सकता है। इसलिए उसे अच्छी पढ़ाई किसी भी कीमत पर दिलानी चाहिए। पिता ने इधर-उधर से कर्ज लेकर के जयगणेश का दाखिला तांथी पेरियर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में कराया। जहां मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद जयगणेश की नौकरी एक कंपनी में लगी। महज ढाई हजार रुपये महीने में मिलते थे।
सपने पूरा करने के लिए बन गए वेटर
महज ढाई हजार रुपये में बाहर रहने का अपना खर्च पूरा ही नहीं हो पा रहा था तो परिवार की मदद की बात ही छोड़िए। जबकि जयगणेश के दिल में हमेशा यह बात थी कि उन्हें आईएएस बनना था। फिर जयगणेश एक होटल में वेटर की नौकरी करने लगे। ताकि कुछ पैसे मिलें तो आईएएस की तैयारी जारी रखने के साथ परिवार की भी मदद कर सकें। दिन में वेटर की नौकरी करते और रात में घर जाकर कठिन पढ़ाई करते। इस दौरान आईबी(इंटेलीजेंस ब्यूरो) की परीक्षा पास की। मगर जयगणेश की मंजिल सिर्फ आईएएस अफसर के सफर तक थी। इस पर उन्होंने आईबी की नौकरी नहीं की। फिर सातवीं बार सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की। जब रिजल्ट आया तो जैसे आज मैं ऊपर आसमां नीचे वाला हाल रहा। वेटर की नौकरी करने वाले के जयगणेश का नाम सफल अभ्यर्थियों की ऑल इंडिया रैकिंग में 156 वें नंबर पर था। जब होटल के स्टाफ को जयगणेश के आईएएस बनने का पता चला तो सब अपने साथी के अफसर बनने पर खुशी से नाच उठे।
आज तमिलनाडु काडर में बतौर आईएएस अफसर सेवा दे रहे।
उस दिन का वाकया जयगणेश कैसे भूल सकते हैं। जब किसी का आर्डर लगा रहे जयणगेश को अचानक टोकते हुए दोस्त ने कहा- तुम अब वेटर नहीं रहे, साहब बन गए। लो मुंह मीठा करो। अब तो तुम्हारा आर्डर चलेगा, तुम्हारी फरमाइश चलेगी। जैसे ही दोस्त ने यह खुशखबरी सुनाई तो जयगणेश रो पड़े।
पढ़िए संघर्ष की कहानी
तमिलनाडु के वेल्लोर जिले के विनावमंगलम गांव के गरीब परिवार में जन्मे जयगणेश चार भाई-बहनों में सबसे बड़े रहे। पिता एक कारखाने में मजदूरी कर किसी तरह परिवार का पेट पालते थे। पढ़ने में के जयगणेश बचपन से ही अव्वल रहे। उन्होंने 91 प्रतिशत अंकों के साथ 12 वीं की परीक्षा पास की। अच्छे प्रतिशत से इंटरमीडिएट पास होने पर पिता को लगा कि बेटा उनकी गरीबी दूर कर सकता है। इसलिए उसे अच्छी पढ़ाई किसी भी कीमत पर दिलानी चाहिए। पिता ने इधर-उधर से कर्ज लेकर के जयगणेश का दाखिला तांथी पेरियर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में कराया। जहां मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद जयगणेश की नौकरी एक कंपनी में लगी। महज ढाई हजार रुपये महीने में मिलते थे।
सपने पूरा करने के लिए बन गए वेटर
महज ढाई हजार रुपये में बाहर रहने का अपना खर्च पूरा ही नहीं हो पा रहा था तो परिवार की मदद की बात ही छोड़िए। जबकि जयगणेश के दिल में हमेशा यह बात थी कि उन्हें आईएएस बनना था। फिर जयगणेश एक होटल में वेटर की नौकरी करने लगे। ताकि कुछ पैसे मिलें तो आईएएस की तैयारी जारी रखने के साथ परिवार की भी मदद कर सकें। दिन में वेटर की नौकरी करते और रात में घर जाकर कठिन पढ़ाई करते। इस दौरान आईबी(इंटेलीजेंस ब्यूरो) की परीक्षा पास की। मगर जयगणेश की मंजिल सिर्फ आईएएस अफसर के सफर तक थी। इस पर उन्होंने आईबी की नौकरी नहीं की। फिर सातवीं बार सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की। जब रिजल्ट आया तो जैसे आज मैं ऊपर आसमां नीचे वाला हाल रहा। वेटर की नौकरी करने वाले के जयगणेश का नाम सफल अभ्यर्थियों की ऑल इंडिया रैकिंग में 156 वें नंबर पर था। जब होटल के स्टाफ को जयगणेश के आईएएस बनने का पता चला तो सब अपने साथी के अफसर बनने पर खुशी से नाच उठे।
पाकिस्तान को मिली सबसे बड़ी ख़ुशी, अब अमेरिका नहीं ‘जिगरी यार’ बनेगा दुनिया का शहंशाह
नई दिल्ली : चीन ने एक बार फिर दुनिया को अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। ‘खतरनाक’ फाइटर प्लेन J 20 की ताकत को पहली बार चीन दुनिया के सामने लेकर आया है।
चीन के इस लड़ाकू प्लेन से पाकिस्तान गदगद है वहीँ इसके जरिये ही अमेरिका को झटका देकर चीन विश्व की सबसे बड़ी ताकत का तमगा लेने की फ़िराक में है।
विमान निर्माताओं और खरीदारों की मंगलवार (11 अक्टूबर) को हुई मीटिंग में चीन ने एक एयर शो में J 20 को दिखाया।
यह एयर शो चीन के जुहाई शहर में हुआ था। जुहाई शहर में चीन ने दो फाइटर प्लेन J 20 को लगभग एक मिनट तक हवा में परेड करवाई।
अपनी मिलिट्री की ताकत दिखाते हुए चीन ने सिविल एयरोस्पेस में अपनी महत्वाकांक्षा और रक्षा के क्षेत्र में अपने बढ़ते कदम का प्रदर्शन करने की कोशिश की।
फाइटर प्लेन J 20 पर पाक की नजर
जानकारों का मनाना है कि दुनिया के शीर्ष विमानन बाजार में आगामी 10 सालों में चीन अमेरिका को पीछे छोड़ देगा और नंबर एक की पोजिशन पर बैठाने में कामयाब हो जाएगा। साथ ही पाकिस्तान भी चीन से बड़ी उम्मीद पाले बैठा है। मीडिया में चल रही ख़बरों के मुताबिक पाकिस्तान का हमदर्द चीन पाक को यह लड़ाकू विमान भविष्य में बेचेगा।
J-20 की पहली झलक 2010 में जब दिखाई गई थी तब भी इसने लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित किया था। हालांकि, कई विश्लेषकों का मानना है कि J-20 के बारे में अभी कुछ कहना ज्यादा जल्दबाजी होगी।
विश्लेषकों को लगता है कि J-20 के लिए हवा से हवा में मार देने वाले Lockheed Martin F-22 Raptor और लगभग J-20 जैसा ही लगने वाले Lockheed F-35 से मुकाबला आसान नहीं होगा। दोनों यूएस एयरफोर्स के लड़ाकू जहाजों में शामिल हैं।
चीन के इस लड़ाकू प्लेन से पाकिस्तान गदगद है वहीँ इसके जरिये ही अमेरिका को झटका देकर चीन विश्व की सबसे बड़ी ताकत का तमगा लेने की फ़िराक में है।
विमान निर्माताओं और खरीदारों की मंगलवार (11 अक्टूबर) को हुई मीटिंग में चीन ने एक एयर शो में J 20 को दिखाया।
यह एयर शो चीन के जुहाई शहर में हुआ था। जुहाई शहर में चीन ने दो फाइटर प्लेन J 20 को लगभग एक मिनट तक हवा में परेड करवाई।
अपनी मिलिट्री की ताकत दिखाते हुए चीन ने सिविल एयरोस्पेस में अपनी महत्वाकांक्षा और रक्षा के क्षेत्र में अपने बढ़ते कदम का प्रदर्शन करने की कोशिश की।
फाइटर प्लेन J 20 पर पाक की नजर
जानकारों का मनाना है कि दुनिया के शीर्ष विमानन बाजार में आगामी 10 सालों में चीन अमेरिका को पीछे छोड़ देगा और नंबर एक की पोजिशन पर बैठाने में कामयाब हो जाएगा। साथ ही पाकिस्तान भी चीन से बड़ी उम्मीद पाले बैठा है। मीडिया में चल रही ख़बरों के मुताबिक पाकिस्तान का हमदर्द चीन पाक को यह लड़ाकू विमान भविष्य में बेचेगा।
J-20 की पहली झलक 2010 में जब दिखाई गई थी तब भी इसने लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित किया था। हालांकि, कई विश्लेषकों का मानना है कि J-20 के बारे में अभी कुछ कहना ज्यादा जल्दबाजी होगी।
विश्लेषकों को लगता है कि J-20 के लिए हवा से हवा में मार देने वाले Lockheed Martin F-22 Raptor और लगभग J-20 जैसा ही लगने वाले Lockheed F-35 से मुकाबला आसान नहीं होगा। दोनों यूएस एयरफोर्स के लड़ाकू जहाजों में शामिल हैं।
आज़ाद भारत के इतिहास में अबतक के सबसे बेहतरीन PM है मोदी : थेरेसा मे
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे इन दिनों भारत की यात्रा पर हैं
थेरेसा मे ने आज प्रधानमंत्री मोदी और भारत की जमकर तारीफ की और कहा कि
"भारत अब बदल चुका है, भारत अब एक मजबूत देश है, ब्रिटेन के लिये भारत से अच्छे संबंध बेहद जरुरी है और ब्रिटेन हमेशा भारत का हर छेत्र में पार्टनर बनकर रहना चाहता है"
इसके आगे ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि, "1947 के बाद से ही भारत एक आज़ाद देश है और जहाँ तक मेरी समझ है, तो मैं कह सकती हूँ की आज़ाद भारत के इतिहास में नरेंद्र मोदी भारत के सबसे बेहतरीन प्रधानमंत्री है"
ब्रिटिश प्रधानमंत्री भारत के 3 दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुची हुई हैं, बता दें कि थेरेसा मे जुलाई में ब्रिटेन की
प्रधानमंत्री बनी थी
और यूरोप के बाहर उन्होंने सबसे पहले भारत की यात्रा की
थेरेसा मे ने भारतीय छात्रों और ब्रिटेन में काम कर रहे भारतीयों की भी जमकर तारीफ की
जहाँ उन्होंने भारतीय छात्रों को मेधावी बताया वहीँ, ब्रिटेन में काम ककर रहे भारतीयों को बेहद मेहनती बताया
थेरेसा मे ने भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिसद में परमानेंट सीट का भी समर्थन किया है
और कहा है कि, ब्रिटेन हमेशा भारत का सुरक्षा परिषद् में समर्थन करता रहेगा।
थेरेसा मे ने आज प्रधानमंत्री मोदी और भारत की जमकर तारीफ की और कहा कि
"भारत अब बदल चुका है, भारत अब एक मजबूत देश है, ब्रिटेन के लिये भारत से अच्छे संबंध बेहद जरुरी है और ब्रिटेन हमेशा भारत का हर छेत्र में पार्टनर बनकर रहना चाहता है"
इसके आगे ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा कि, "1947 के बाद से ही भारत एक आज़ाद देश है और जहाँ तक मेरी समझ है, तो मैं कह सकती हूँ की आज़ाद भारत के इतिहास में नरेंद्र मोदी भारत के सबसे बेहतरीन प्रधानमंत्री है"
ब्रिटिश प्रधानमंत्री भारत के 3 दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुची हुई हैं, बता दें कि थेरेसा मे जुलाई में ब्रिटेन की
प्रधानमंत्री बनी थी
और यूरोप के बाहर उन्होंने सबसे पहले भारत की यात्रा की
थेरेसा मे ने भारतीय छात्रों और ब्रिटेन में काम कर रहे भारतीयों की भी जमकर तारीफ की
जहाँ उन्होंने भारतीय छात्रों को मेधावी बताया वहीँ, ब्रिटेन में काम ककर रहे भारतीयों को बेहद मेहनती बताया
थेरेसा मे ने भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिसद में परमानेंट सीट का भी समर्थन किया है
और कहा है कि, ब्रिटेन हमेशा भारत का सुरक्षा परिषद् में समर्थन करता रहेगा।
ट्रम्प चच्चा को हरा हिलेरी बनेंगी US नयी राष्ट्रपति
नई दिल्ली। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए मतदान शुरू हो गया है। भारतीय समय के अनुसार पहला वोट भारतीय समयानुसार सुबह 10:30 बजे न्यू हेम्शायर के डिक्शविल नॉच में डाला गया। अगले दिन यानी 9 नवंबर को सुबह 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे। मंगलवार रात से ही नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। यूएसए के छोटे राज्यों से चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। रूरल न्यू रैंपशायर की 3 छोटी बस्तियों, जिनकी आबादी 100 या उससे भी कम है, में मिडनाइट पोलिंग की परंपरा पूरी की गई। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में पराम्परागत मिडनाइट पोलिंग में हिलेरी क्लिंटन के हाथ शुरूआती सफलता लगी है।
न्यूज वेबसाइट यूएसए टुडे के मुताबिक, इस मिडनाइट पोलिंग के परिणाम से डेमोक्रेटिक हिलेरी के प्रशंसक खुश हो सकते हैं। हिलेरी ने डिक्सविल नॉच, एनएच में डॉनल्ड ट्रंप को 2 के मुकाबले 4 वोटों से हरा दिया है। लिबर्टेरियन गैरी जॉनसन को एक वोट मिला। हालांकि मुख्य वोटिंग भारतीय समयानुसार शाम करीब 4:30 बजे शुरू होने की उम्मीद है। बुधवार सुबह 9.30 बजे या 10 बजे तक तस्वीर साफ होने की उम्मीद है।
दूसरे अपेक्षाकृत बड़े कस्बे हाट्र्स लोकेशन में क्लिंटन ने ट्रंप को 17 के मुकाबले 14 वोटों से हराया है। जॉनसन को यहां से 3 जबकि सैंडर्स और जॉन को एक-एक वोट मिले हैं। न्यू हैंपशायर के कानून के मुताबिक, 100 से कम वोटों वाले समुदाय को अधिकार है कि वे आधी रात को वोटिंग शुरू कर सभी रजिस्टर्ड वोटों के पोल हो जाने के बाद वोटिंग बंद कर सकते हैं। न्यू हैंपशायर के इन तीन कस्बों में से डिक्सलिे नॉच सबसे अधिक फेमस है। 2011 में बंद हो गए बालसम्स ग्रैंट रिजॉर्ट होटल के संस्थापक नील टिलोस्टॉन ने 1960 में डिक्सविले में मिडनाइट वोटिंग शुरू की थी। तब उनका उद्देश्य रिजॉर्ट के लिए पब्लिसिटी इकट्ठा करना था। डिक्सविले के सभी वोटर इसी रिजॉर्ट के कर्मचारी हैं!
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचन देश के मतदाताओं द्वारा परोक्ष तरीके से होता है। यानी मतदाता एक निर्वाचक मंडल का चुनाव करते हैं। यह निर्वाचक मंडल राष्ट्रपति का चुनाव करता है। अमेरिकी कांग्रेस के दो सदन हैं। प्रतिनिधि सदन, जिसमें 435 सदस्य हैं जबकि सीनेट में 100 सदस्य हैं। कोलंबिया को मिलाकर कुल सदस्यों की संख्या 538 हो जाती है। यही 538 सदस्य राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। जिसे 270 या इससे ज्यादा वोट मिलेंगे, वह राष्ट्रपति बन जाएगा। बहुमत हासिल करने के लिए 538 में 270 वोट हासिल करना जरूरी है। 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोट पाने वाला उम्मीदवार राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करता है।
न्यूज वेबसाइट यूएसए टुडे के मुताबिक, इस मिडनाइट पोलिंग के परिणाम से डेमोक्रेटिक हिलेरी के प्रशंसक खुश हो सकते हैं। हिलेरी ने डिक्सविल नॉच, एनएच में डॉनल्ड ट्रंप को 2 के मुकाबले 4 वोटों से हरा दिया है। लिबर्टेरियन गैरी जॉनसन को एक वोट मिला। हालांकि मुख्य वोटिंग भारतीय समयानुसार शाम करीब 4:30 बजे शुरू होने की उम्मीद है। बुधवार सुबह 9.30 बजे या 10 बजे तक तस्वीर साफ होने की उम्मीद है।
दूसरे अपेक्षाकृत बड़े कस्बे हाट्र्स लोकेशन में क्लिंटन ने ट्रंप को 17 के मुकाबले 14 वोटों से हराया है। जॉनसन को यहां से 3 जबकि सैंडर्स और जॉन को एक-एक वोट मिले हैं। न्यू हैंपशायर के कानून के मुताबिक, 100 से कम वोटों वाले समुदाय को अधिकार है कि वे आधी रात को वोटिंग शुरू कर सभी रजिस्टर्ड वोटों के पोल हो जाने के बाद वोटिंग बंद कर सकते हैं। न्यू हैंपशायर के इन तीन कस्बों में से डिक्सलिे नॉच सबसे अधिक फेमस है। 2011 में बंद हो गए बालसम्स ग्रैंट रिजॉर्ट होटल के संस्थापक नील टिलोस्टॉन ने 1960 में डिक्सविले में मिडनाइट वोटिंग शुरू की थी। तब उनका उद्देश्य रिजॉर्ट के लिए पब्लिसिटी इकट्ठा करना था। डिक्सविले के सभी वोटर इसी रिजॉर्ट के कर्मचारी हैं!
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचन देश के मतदाताओं द्वारा परोक्ष तरीके से होता है। यानी मतदाता एक निर्वाचक मंडल का चुनाव करते हैं। यह निर्वाचक मंडल राष्ट्रपति का चुनाव करता है। अमेरिकी कांग्रेस के दो सदन हैं। प्रतिनिधि सदन, जिसमें 435 सदस्य हैं जबकि सीनेट में 100 सदस्य हैं। कोलंबिया को मिलाकर कुल सदस्यों की संख्या 538 हो जाती है। यही 538 सदस्य राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। जिसे 270 या इससे ज्यादा वोट मिलेंगे, वह राष्ट्रपति बन जाएगा। बहुमत हासिल करने के लिए 538 में 270 वोट हासिल करना जरूरी है। 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोट पाने वाला उम्मीदवार राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करता है।