मोदी से ट्रम्प की ट्यूनिंग पर देश की निगाहें, दोनों नेताओं के बीच 5 बातें हैं कॉमन

नई दिल्ली. डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के 45वें प्रेसिडेंट बनने जा रहे हैं। दुनिया की निगाहें ट्रम्प की पॉलिसी और बाकी देश के प्रेसिडेंट्स, पीएम से रिश्तों को लेकर टिकी है। किसके प्रति ट्रम्प का क्या रवैया होगा। अगर बात भारत और मोदी की करें तो ट्रम्प की ट्यूनिंग जम सकती है। अपने कैम्पेन के दौरान ट्रम्प इस ओर इशारा भी कर चुके हैं। रुझान आते ही मोदी ने ट्वीट कर नए अमेरिकी प्रेसिडेंट को बधाई भी दी। यही नहीं ट्रम्प और मोदी में कई समानताएं हैं जो दोनों को एक दूसरे के करीब ला सकती हैं। पांच मुद्दों पर ट्रम्प और मोदी की समानता....


1. जीतने के बाद विरोधियों की तारीफ
मोदी
- 2014 में जीतने के बाद मोदी ने मनमोहन की तारीफ की थी।
- चार्ज संभालने से पहले मोदी ने उस वक्त के पीएम से घर जाकर मुलाकात की थी।
ट्रम्प
- ट्रम्प ने बुधवार को जीत हासिल करने के बाद सबसे पहले हिलेरी की जिक्र किया।
- कहा- हिलेरी ने मुझे फोन किया। हम सबको बधाई दी। विदेश मंत्री के तौर पर देश हिलेरी के काम को याद रखेगा।
2. दूसरे देशों से रिश्ते
मोदी
- मोदी ने शपथ ग्रहण समारोह में सार्क नेताओं को बुलाया था।
- नवाज शरीफ समेत कई पड़ोसी नेता पहुंचे थे।
ट्रम्प
- किसी देश से दुश्मनी नहीं रखेंगे। अमेरिका को फिर से महान बनाएंगे।
3. सबको साथ लेकर चलने की बात
मोदी
- सबका साथ, सबका विकास का नारा। जाति-धर्म के बदले नेशन फर्स्ट की बात करना।
ट्रम्प
रिपब्लिकन-डेमोक्रेट मैं सबका प्रेसिडेंट हूं। सबको साथ लेकर चलूंगा।
4. राजनीतिक को लेकर रवैया
मोदी
- राजनीति में गंभीरता की एक अपनी जगह है लेकिन हमें आमोद-विनोद, हास्य, कमेट की जगह होनी चाहिए।
ट्रम्प
- खुले विचार वाले ट्रम्प कह चुके हैं- राजनीति बड़ी नैस्टी (गंदी) चीज है।
5. फॉरवर्ड रवैया
मोदी
- फॉरेन पॉलिसी हो या फिर किसी नेता से मुलाकात, मोदी हमेशा ही आगे हाथ बढ़ाते हैं।
ट्रम्प
- कैम्पेन में फॉरेन पॉलिसी को बेहतर बनाने की बात की। पर्सनल लेवल पर कनेक्शन अच्छा है।

on Wednesday, 9 November 2016 | | A comment?

सिर्फ ये 6 लोग जानते थे कि बंद होंगे 1000, 500 के नोट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोटों का चलन बंद करने की अचानक घोषणा कर कालाधन, भ्रष्टाचार, आतंकवाद और जाली नोट पर नकेल कसने का जबर्दस्त मास्टर स्ट्रोक चला है। मंगलवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने 500 और 100 रुपये के नोट रखने वालों को 50 दिन की मोहलत दी है।


कालेधन और भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए इसे मोदी सरकार का अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार माना जा रहा है। लेकिन मोदी सरकार ने इतना बड़ा फैसला कोई एक दिन में ही तय करके नहीं लिया, बल्कि इसके लिए योजना बनाने में लगभग 6 महीने का समय लगा है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक सरकार के इस फैसले की खबर मात्र 6 लोगों को ही थी। इन 6 लोगों में प्रिंसिपल सेक्रटरी नृपेंद्र मिश्रा, पूर्व और वर्तमान आरबीआई गवर्नर, वित्त सचिव अशोक लवासा, आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास और वित्त मंत्री अरुण जेटली शामिल थे।
पीएम मोदी ने पहली बार टेलीवीजन से देश को किया संबोधित


सरकार ने दो महीने पहले से इसपर काम करना शुरू भी कर दिया था। इस बात को छिपाने की वजह पूछे जाने पर एक सरकारी सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि बात लोगों तक पहुंचने से पहले कुछ बाकी काम पूरे करने थे, इस वजह से इस बात को दबाकर रखा गया था।
प्रधानमंत्री का पद संभालने के ढाई साल बाद पहली बार टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम संबोधन में मोदी ने कहा कि जल्द ही 500 और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए जाएंगे। बैंक और डाकघर के खाताधारक 10 नवंबर से 30 दिसंबर तक अपने खातों में पुराने नोट बिना किसी सीमा तक जमा करा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि 2000 और 500 रुपये के नए नोटों का स्वरूप भी बिल्कुल बदला होगा। ये नोट बैंकों में पहुंच चुके हैं और संभवत: 10 नवंबर से चलन में आ जाएंगे।

ट्रंप के बेटे ने हिन्दुवो का कहा शुक्रिया, पिता की जीत में अहम भूमिका

डोनाल्ड ट्रंप ने इतिहास रचते हुआ भारी जीत हासिल की है। इस जीत पर उनके बेटे ने भारतीयों भारतीयों का शुक्रिया अदा किया है और कहा कि उनेक पिता की जीत भारतीयों की अहम भूमिका है।



बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हिलेरी क्लिंटन और ट्रंप के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही थी, लेकिन आखिरकार ट्रंप ने जीत हासिल कर ली।

उन्होंने एक बयान देकर अमेरिका के विकास में भारतीय लोगों के योगदान की खुलकर सराहना की मगर अपनी बात को वजनदार बनाने के लिए भारतीयों की जगह सीधे हिंदू शब्द का प्रयोग किया।

मोदी का दोस्त और मुस्लिमों का ‘दुश्मन’… आ गया डोनाल्ड ट्रंप

वॉशिंगटन। अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप (70) डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलरी क्लिंटन (69) को हराकर अमेरिका के नए राष्ट्रपति बन गए हैं। शुरुआती रुझान में क्लिंटन ट्रंप पर भारी नजर आ रही थीं लेकिन कुछ ही समय बाद ट्रंप ने बाजी पलटते हुए हिलेरी को चारों खाने चित कर दिया। उनकी इस जीत को ऐतिहासिक बताया जा रहा है। वो अमेरिका के अब तक के सबसे उम्र-दराज राष्ट्रपति होंगे।

इस चुनाव में लगभग 20 करोड़ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इनमें से तीन करोड़ 50 लाख से ज्यादा मतदाता पहले ही मतदान कर चुके हैं। 6 जनवरी 2017 को अमेरिका के अगले राष्ट्रपति की घोषणा की जाएगी। 20 जनवरी 2017 से अमेरिका का अगला राष्ट्रपति व्हाइट हाउस में कार्यभार संभालेगा।