मोदी के मास्टर प्लान पर इस आदमी ने फेरा पानी
भोपाल| अमान्य किए गए 500 व 1000 रुपये के नोटों को बदलने की सीमा चार हजार रुपये तक है, मगर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक व्यक्ति ने शुक्रवार को अलग-अलग पहचानपत्र दिखाकर एक ही दिन में दो बैंकों से चार-चार हजार, यानी कुल आठ हजार के पुराने नोट बदलवा लिए। एक निजी समाचार चैनल ने यह खुलासा किया।
सरकार का बनाया नियम तोड़ने वाले इस व्यक्ति का नाम डिम्पल विश्वकर्मा है। उसने कहा, “नियम तो पता है, लेकिन मुझे ज्यादा रकम की जरूरत थी।”
500 व 1000 रुपये के नोट बदवाले का नियम बहुत कच्चा है
विश्वकर्मा ने निजी समाचार चैनल के सामने खुलासा किया कि एक बैंक से उसने मतदाता पहचानपत्र दिखाकर चार हजार के पुराने नोट बदलवाए और दो-दो हजार के नए नोट पाए।
इसके बाद वह दूसरे बैंक में पहुंचा और दूसरे पहचानपत्र पर फिर चार हजार के पुराने नोट बदलवा लिए। उसे दोनों बैंकों में नोट बदलवाने में लगभग डेढ़ घंटे लगे।
सरकार ने 500-1000 के नोट बंद करने के बाद एटीएम से एक दिन में दो हजार रुपये निकालने और चार हजार के पुराने नोट बदलवाने तथा चेक से एक दिन में 10 हजार रुपये निकालने का नियम बनाया था। लेकिन भोपाल के एक ग्राहक ने एक दिन में चार हजार रुपये से ज्यादा के पुराने नोट बदलकर यह साबित कर दिया है कि यह नियम कितना कच्चा है।
सरकार का बनाया नियम तोड़ने वाले इस व्यक्ति का नाम डिम्पल विश्वकर्मा है। उसने कहा, “नियम तो पता है, लेकिन मुझे ज्यादा रकम की जरूरत थी।”
500 व 1000 रुपये के नोट बदवाले का नियम बहुत कच्चा है
विश्वकर्मा ने निजी समाचार चैनल के सामने खुलासा किया कि एक बैंक से उसने मतदाता पहचानपत्र दिखाकर चार हजार के पुराने नोट बदलवाए और दो-दो हजार के नए नोट पाए।
इसके बाद वह दूसरे बैंक में पहुंचा और दूसरे पहचानपत्र पर फिर चार हजार के पुराने नोट बदलवा लिए। उसे दोनों बैंकों में नोट बदलवाने में लगभग डेढ़ घंटे लगे।
सरकार ने 500-1000 के नोट बंद करने के बाद एटीएम से एक दिन में दो हजार रुपये निकालने और चार हजार के पुराने नोट बदलवाने तथा चेक से एक दिन में 10 हजार रुपये निकालने का नियम बनाया था। लेकिन भोपाल के एक ग्राहक ने एक दिन में चार हजार रुपये से ज्यादा के पुराने नोट बदलकर यह साबित कर दिया है कि यह नियम कितना कच्चा है।
on Saturday, 12 November 2016
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स्वार्थियों की भी कमी नहीं, सिम के लिए लाइन लग सकती है, देशहित के लिए लाइन होने से है दिक्कत
भारत में जाली नोटों और काले धन पर नियंत्रण करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी करी है
जिसके कारण लोगों को कुछ दिनों से समस्या हो रही है
लोग पुराने नोट बदलवाने के लिए बैंक में जा रहे है और लाइन में लग रहे है क्योंकि भीड़ अधिक हो रही है
लाइन में लगना किसी को अच्छा नहीं लगता, पर देश के ईमानदार लोग लाइन में लगने वाली तकलीफ से भी खुश हैं क्योंकि वो जानते है की प्रधानमंत्री मोदी ने जो फैसला किया है
वो कल उनके और उनके बच्चों के भविष्य के लिए अच्छा है, लोग कुछ दिन तकलीफ सहन करने को तैयार है तभी तो दंगे फसाद नहीं कर रहे बल्कि लाइन में लग रहे है
देश का आम और ईमानदार आदमी इस फैसले से बेहद खुश है, पर इस देश में काला धन लिए बैठे लोगों की नींद तो हराम हो ही गयी, जाली नोटों वालो, आतंकियों, अलगगवादियों की नींद तो हराम हो ही गयी
इसलिए वो अब प्रधानमंत्री मोदी को बदनाम करने के लिए अफवाह उड़ा रहे है
और बता रहे है की मोदी ने लोगों पर अत्याचार कर दिया है
आपको बता दें की देशहित में आम आदमी जो देश का ईमानदार आदमी है वो लाइन में खड़े होने के लिए तैयार है, तभी तो उपद्रव की जगह देश में लाइन लग रही है
अफवाह वो लोग उड़ा रहे है जिनका काला धन कचरा हो गया है
वैसे आपको बता दें की देश में स्वार्थी लोगों की भी कोई कमी नहीं है, ये लोग सिनेमा हॉल, क्रिकेट की टिकेट, शराब खरीदने के लिए तो लाइन में लगते है पर इनको देश के भले के लिए लाइन में लगने
में समस्या आ रही है और ये लोग शिकायते बता रहे है
आपको हम कुछ लाइन दिखाना चाहते है और ये बैंक के बाहर की लाइन नहीं बल्कि, "जिओ" सिम के लिए लगने वाली लाइन है
जिसके कारण लोगों को कुछ दिनों से समस्या हो रही है
लोग पुराने नोट बदलवाने के लिए बैंक में जा रहे है और लाइन में लग रहे है क्योंकि भीड़ अधिक हो रही है
लाइन में लगना किसी को अच्छा नहीं लगता, पर देश के ईमानदार लोग लाइन में लगने वाली तकलीफ से भी खुश हैं क्योंकि वो जानते है की प्रधानमंत्री मोदी ने जो फैसला किया है
वो कल उनके और उनके बच्चों के भविष्य के लिए अच्छा है, लोग कुछ दिन तकलीफ सहन करने को तैयार है तभी तो दंगे फसाद नहीं कर रहे बल्कि लाइन में लग रहे है
देश का आम और ईमानदार आदमी इस फैसले से बेहद खुश है, पर इस देश में काला धन लिए बैठे लोगों की नींद तो हराम हो ही गयी, जाली नोटों वालो, आतंकियों, अलगगवादियों की नींद तो हराम हो ही गयी
इसलिए वो अब प्रधानमंत्री मोदी को बदनाम करने के लिए अफवाह उड़ा रहे है
और बता रहे है की मोदी ने लोगों पर अत्याचार कर दिया है
आपको बता दें की देशहित में आम आदमी जो देश का ईमानदार आदमी है वो लाइन में खड़े होने के लिए तैयार है, तभी तो उपद्रव की जगह देश में लाइन लग रही है
अफवाह वो लोग उड़ा रहे है जिनका काला धन कचरा हो गया है
वैसे आपको बता दें की देश में स्वार्थी लोगों की भी कोई कमी नहीं है, ये लोग सिनेमा हॉल, क्रिकेट की टिकेट, शराब खरीदने के लिए तो लाइन में लगते है पर इनको देश के भले के लिए लाइन में लगने
में समस्या आ रही है और ये लोग शिकायते बता रहे है
आपको हम कुछ लाइन दिखाना चाहते है और ये बैंक के बाहर की लाइन नहीं बल्कि, "जिओ" सिम के लिए लगने वाली लाइन है
on Friday, 11 November 2016
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पंजाब चुनावो के लिए जमा कर रखा था करोडो, जो हुए कचरा, इसलिए बौखलाए केजरीवाल
Source: Dainikbharat.org
दिल्ली का मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, नोटबंदी, काले धन पर नियंत्रण, जाली नोटों पर नियंत्रण से इतना घबराया हुआ है कि कुछ भी अनाब सनाब बोल रहा है।
नोटबंदी पर आज केजरीवाल ने कहा की, "मोदी नोटबंदी की आड़ में महाघोटाला कर रहा है और मेरे पास इस बात का सबूत है, नोट बंदी में बीजेपी के नेता भी शामिल है
और ये सबकुछ गरीब विरोधी है"
आपको बता दें की केजरीवाल की ये पुरानी आदत है, वो इल्जाम लगाता है और कहता है की उसके पास सबूत है
* पर केजरीवाल वो सबूत कभी नहीं दिखाता, और सबूत है तो उसे दिखाने के लिए क्या प्रधानमंत्री मोदी से इजाजत लेनी होगी, दिखाता क्यों नहीं सबूत
सबूत है तो सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका लगवाने के लिए भी क्या प्रधानमंत्री से इज़ाज़त लेनी होगी
केजरीवाल के सबूतों पर तो उसकी पत्नी सुनीता केजरीवाल तक को भी भरोसा नहीं है, क्योंकि ये शख्स तो अपने बच्चों की झूठी कसम खाने वाला शख्स है
राजनीती के लिए और क्या क्या नहीं कर सकता
और आपको याद तो होगा ही की केजरीवाल के पास शीला दीक्षित, अम्बानी इत्यादि के खिलाफ भी सबूत था
शीला दीक्षित के खिलाफ तो केजरीवाल के पास बक्सा भरकर 370 पन्नो का सबूत था
जिसे कदाचित केजरीवाल ने शीला दीक्षित को करोडो रुपए लेकर बेच दिया, क्योंकि आजतक उस 370 पन्नो के सबूत को देश की जनता ने तो नहीं देखा
और इसी केजरीवाल के पास नितिन गडकरी के खिलाफ भी सबूत था, बाद में गडकरी ने कोर्ट में शिकायत कर दी, केजरीवाल ने मिलकर माफ़ी मांग ली
दिल्ली का मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, नोटबंदी, काले धन पर नियंत्रण, जाली नोटों पर नियंत्रण से इतना घबराया हुआ है कि कुछ भी अनाब सनाब बोल रहा है।
नोटबंदी पर आज केजरीवाल ने कहा की, "मोदी नोटबंदी की आड़ में महाघोटाला कर रहा है और मेरे पास इस बात का सबूत है, नोट बंदी में बीजेपी के नेता भी शामिल है
और ये सबकुछ गरीब विरोधी है"
आपको बता दें की केजरीवाल की ये पुरानी आदत है, वो इल्जाम लगाता है और कहता है की उसके पास सबूत है
* पर केजरीवाल वो सबूत कभी नहीं दिखाता, और सबूत है तो उसे दिखाने के लिए क्या प्रधानमंत्री मोदी से इजाजत लेनी होगी, दिखाता क्यों नहीं सबूत
सबूत है तो सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका लगवाने के लिए भी क्या प्रधानमंत्री से इज़ाज़त लेनी होगी
केजरीवाल के सबूतों पर तो उसकी पत्नी सुनीता केजरीवाल तक को भी भरोसा नहीं है, क्योंकि ये शख्स तो अपने बच्चों की झूठी कसम खाने वाला शख्स है
राजनीती के लिए और क्या क्या नहीं कर सकता
और आपको याद तो होगा ही की केजरीवाल के पास शीला दीक्षित, अम्बानी इत्यादि के खिलाफ भी सबूत था
शीला दीक्षित के खिलाफ तो केजरीवाल के पास बक्सा भरकर 370 पन्नो का सबूत था
जिसे कदाचित केजरीवाल ने शीला दीक्षित को करोडो रुपए लेकर बेच दिया, क्योंकि आजतक उस 370 पन्नो के सबूत को देश की जनता ने तो नहीं देखा
और इसी केजरीवाल के पास नितिन गडकरी के खिलाफ भी सबूत था, बाद में गडकरी ने कोर्ट में शिकायत कर दी, केजरीवाल ने मिलकर माफ़ी मांग ली