786 के नोट इकट्ठा करने के शौकीन ये साहब अब दिन में दो बार गिन रहे नोट

करनाल। 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने की घोषणा के बाद पिछले कई दिन से रोज किसी न किसी के शौक टेंशन में चले जाते हैं। कई की शादी की रंगत फीकी पड़ चुकी है, वहीं नोटों का संग्रह करने के शौकहीन लोगों को भी अब टेंशन में देखा जा सकता है। प्रदेश के ऐसे ही कई युवाओं को अब मारे टेंशन के दिन में दो बार नोटों को गिनते देखा जा सकता है। रद्दी हो जाएंगे बरसों की मेहनत से जुटाए 786 के नोट...
- करनाल के करीब 26 वर्षीय विष्णु ने जब से पढ़ाई के बाद कामकाज करना शुरू किया। तभी से विष्णु ने यह 786 नंबर लिखे नोटों को इकट्ठा करना शुरू किया, क्योंकि विष्णु को 500 के हरे पीले रंग और 1000 रुपए के पिंक रंग के यह पुराने नोट काफी पसंद थे।


- बरसों बीते, शौक बढ़ता चला गया और अब वही शौक चिंता में बदल गया, क्योंकि वो नोट अब चलने बंद हो गए हैं।
- प्रधानमंत्री मोदी व केंद्र सरकार द्वारा 500 व 1000 रुपए के इन नोटों को बंद करने की घोषणा के बाद बाद से विष्णु मायूस हो गया है।
- हालांकि अभी इन्हें अपने पास बड़े प्यार से संभाले हुए है। सोच रहा है कि वह इनका क्या करे और इसी के चलते रोजाना दिन में 2 बार इनकी गिनती करता है फिर रख देता है।

on Friday, 11 November 2016 | 1 comment

मुकेश अंबानी के घर शादी की तैयारियां चल रही हैं, अंबानी के घर से मोदी की बेटी की शादी!

रिलायंसइंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर शादी की तैयारियां चल रही हैं।

यह अंबानी परिवार के किसी सदस्य की शादी नहीं, बल्कि इस परिवार के बेहद करीबी की बेटी की शादी है। यह शादी है मनोज मोदी की बेटी भक्ति की। आखिर ऐसा क्या वजह है कि अंबानी परिवार अपने किसी दोस्त की बेटी की शादी की मेहमानवाजी कर रहा है। बसे पहले मनोज मोदी जैसी शख्सियत के बारे में जानना जरूरी है। मूल रूप से गुजरात के रहने वाले मनोज मोदी मुकेश अंबानी के बेहद करीबी दोस्त हैं। मोदी और अंबानी इंजीनियरिंग कॉलेज में साथ-साथ पढ़े। दोस्तों के बीच एमएम के तौर पर जाने जाने वाले मनोज मोदी खुद को मुकेश अंबानी के सबसे वफादार करीबी मानते हैं। 59 साल के मनोज मोदी हालांकि रिलायंस इंडस्ट्रीज में आधिकारिक तौर पर किसी पद पर नहीं हैं लेकिन कंपनी में अगर सीईओ का पद होता तो इसमें कोई संदेह नहीं कि उस पद पर मनोज मोदी के अलावा दूसरा कोई नहीं होता। पूरे ग्रुप को मनोज मोदी की हैसियत का अंदाजा है। मनोज मोदी पिछले 9 साल से रिलायंस से जुड़े हैं और कंपनी के हर बड़े प्रोजेक्ट में इनकी अहम भूमिका होती है।
रिलायंस की पिछले दिनो लॉन्च हुई जियो सर्विस के पीछे मनोज मोदी का दिमाग रहा है। मनोज मोदी मुकेश अंबानी के हजीरा पेट्रोकेमिकल, जामनगर रिफाइनरी, पहले टेलीकॉम बिजनेस और रिलायंस रिटेल जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स संभाल चुके हैं। मनोज मोदी ने जामनगर रिफाइनरी में काम के दौरान कॉन्ट्रैक्टरों और व्यापारियों के बीच जबर्दस्त डीलिंग की थी। इस प्रोजेक्ट के बाद ही मनोज मोदी मुकेश अंबानी के चहेते बन गए थे। अपनी आक्रामक भाषा के लिए जाने जाने वाले मनोज मोदी कंपनी की ग्रोथ के लिए किसी भी चुनौती को स्वीकार करने से पीछे नहीं हटते। मुकेश अंबानी के बेटे आकाश और बेटी ईशा को मनोज मोदी ने ही बिजनेस के गुर सिखाए हैं। मुकेश अंबानी, आकाश और मनोज मोदी मुंबई में रिलायंस जियो के 'ओपन ऑफिस' में साथ-साथ बैठते हैं। इस ऑफिस में जियो के चेयरमैन समेत टॉप 70 एक्जिक्यूटिव बैठते हैं।

नोटबंदी पर बिफरे उद्धव ठाकरे, कहा – मोदी की कार्यपद्धति से नाराज़ हूं

मुंबई: नोटबंदी के फैसले पर शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे बिफ़र पड़े हैं. उन्होंने अबतक के अपने सबसे तीखे हमले में सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उसे अस्वीकार किया है.

विदेश से लौटकर प्रेस कांफ्रेंस में उद्धव ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली से नाराज़ हैं. ज्ञात हो कि शिवसेना एनडीए का बीजेपी के बाद दूसरा सबसे बड़ा दल है. अपनी प्रेस कांफ्रेंस में उद्धव ने याद दिलाया कि मुंबई में 73 साल के विश्वनाथ वर्तक की तब मौत हो गयी जब वे नए नोट पाने के लिए बैंक की कतार में खड़े थे.
इस मुद्दे पर ठाकरे बोले कि वर्तक की मौत के लिए वो जिम्मेदार हैं जिन्होंने नोटबंदी का फैसला किया है. वे आगाह करते दिखे कि जनता त्रस्त है. PM स्विस बैंकों में रखे काले धन को लाने के बजाय जापान चले गए हैं. अगर यूंही चलता रहा तो जनता एक दिन सर्जिकल स्ट्राइक करेगी.
जाते जाते उद्धव ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछा कि 56 इंच के सीने का दावा करनेवालों को 56 का पहाड़ा आता है? उनका दावा है कि इस फैसले के बाद कारोबारी बीजेपी से नाराज़ हुए हैं. ठाकरे ने सवाल पूछा है कि अगर पर्याप्त मात्रा में केंद्र सरकार नोट नहीं दे सकती तो तबतक क्या टोल, ईलाज पूरा फ्री करोगे? ऐसे में राज्य सरकारों को 500-1000 के नोट स्वीकारने की मियाद बढ़ानी होगी

जब पुजारा को मिला ‘जीवनदान’, खुशी से उछल पड़ी पत्नी पूजा

यहां सौराष्ट्र क्रिकेट संघ स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में DRS का इस्तेमाल हो रहा है। इस तरह भारत में DRS का टेस्ट डेब्यू हुआ है। लंबे समय तक इसके विरोध में रहे भारत को राजकोट टेस्ट में इसका फायदा मिला है। अगर यह सिस्टम नहीं रहा होता तो भारत की तरफ से चेतेश्वर पुजारा शतक न लगा पाते।

दरअसल हुआ ये कि 71वें ओवर में इंग्लैंड के गेंदबाज जफर अंसारी की एक गेंद पर अंपायर किर्स गैफनी ने पुजारा को आउट करार दे दिया। अंसारी की गेंद पुजारा के पैर पर लगी थी और उन्होंने एलबीडब्यू की अपील की थी। उस समय पुजारा 86 रन पर खेल रहे थे। पुजारा ने इस फैसले को चुनौती दिया और थर्ड अंपायर ने पुजारा को नॉट आउट करार दिया।
दरअसल गेंद में उछाल ज्यादा थी इसलिए पुजारा को जीवनदान मिल गया। जिस समय थर्ड अंपायर ने पुजारा को नॉट आउट करार दिया, उस समय उनकी पत्नी की खुशी देखने लायक थी। स्टेडियम में मैच देख रही पुजारा की पत्नी खुशी के मारे उछल पड़ी। पुजारा ने भी जीवनदान का भरपूर फायदा उठाया और अपना नौवां टेस्ट शतक पुरा किया। इंग्लैंड के खिलाफ उनका यह तीसरा शतक है। खास बात ये है कि राजकोट उनका घरेलू मैदान भी है और यहां उन्होंने पहली बार शतक जड़ा। पुजारा 124 रन बनाकर बेन स्टोक्स का शिकार बने।