हिजाब नहीं पहनेंगी हीना सिद्धू, भारतीय शूटर का ईरान में खेलने से इनकार| दिया अपने कट्टर सनातनी होने का परिचय।
ईरान की ओर से विदेशी महिला खिलाड़ियों के लिए हिजाब (स्कार्फ) पहनकर खेलने की अनिवार्यता को भारतीय महिला शूटर ने चुनौती दे दी है। लंदन और रियो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली पूर्व वर्ल्ड नंबर वन पिस्टल शूटर अर्जुन अवॉर्डी हीना सिद्धू ने तेहरान में होने जा रही एशियाई एयर गन शूटिंग चैंपियनशिप में खेलने से इनकार कर दिया है।
हीना ने नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया को साफ किया है कि उन्हें इस कंपटीशन में हिजाब पहनकर खेलना मंजूर नहीं है। एनआरएआई ने भी उन्हें तीन से नौ दिसंबर को होने वाली इस चैंपियनशिप में खेलने के लिए बाध्य नहीं किया है। हीना के स्थान पर इस चैंपियनशिप के लिए हरवीन सराओ का चयन कर लिया गया है। खास बात यह है कि भारतीय टीम की बाकी सभी महिला शूटर तेहरान में ईरानी नियम के मुताबिक हिजाब पहनकर शूटिंग करेंगी।
एनआरएआई ने इस चैंपियनशिप के लिए 18 सीनियर व जूनियर महिला शूटरों का चयन किया है। इस चैंपियनशिप सुमा शिरूर, हरवीन सराओ और मलायका गोयल जैसी शूटर खेलने जा रही हैं। हीना के पति और उनके कोच कॉमनवेल्थ गेम्स मेडलिस्ट शूटर रौनक पंडित ने अमर उजाला से खुलासा किया कि हीना को निजी तौर पर लगता है कि खेलों के लिए हिजाब पहनने की अनिवार्यता ठीक नहीं है। वह इसके लिए तैयार नहीं हैं।
दूसरे देशों के शूटर भी पहनेंगे हिजाब
रौनक का कहना है कि ईरान में प्रवेश पर किसी भी महिला का हिजाब पहनना और घुटने से नीचे तक लंबा कोट पहनना अनिवार्य है। उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन खेलों के कंपटीशन में हिजाब पहनने के नियम पर आईएसएसएफ को ध्यान देना चाहिए।
ईरान में महिलाओं के हिजाब पहनकर खेलने का दुनिया भर में विरोध शुरू हो गया है। बीते माह ही अमेरिका की ग्रैंड मास्टर नाजी पाइकिड्जे बारनेस ने अगले साल ईरान में होने वाली वर्ल्ड महिला शतरंज में खेलने से इनकार कर दिया।
एनआरएआई अध्यक्ष रणइंदर सिंह ने कहा कि सिर्फ हीना सिद्धू को एतराज था। उनकी जगह दूसरे शूटर का चयन कर लिया गया है लेकिन बाकी सभी शूटर तेहरान में सिर, कान और मुंह ढंककर ही खेलेंगे। ईरान में हिजाब पहनना जरूरी है। ऐसा सिर्फ भारतीय शूटर ही नहीं बल्कि वहां आने वाले दूसरे देशों के शूटर भी करेंगे। यहां तक ईरान आने वाली विदेशी महिला सैलानियों को भी ऐसा करना पड़ता है।
हीना ने नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया को साफ किया है कि उन्हें इस कंपटीशन में हिजाब पहनकर खेलना मंजूर नहीं है। एनआरएआई ने भी उन्हें तीन से नौ दिसंबर को होने वाली इस चैंपियनशिप में खेलने के लिए बाध्य नहीं किया है। हीना के स्थान पर इस चैंपियनशिप के लिए हरवीन सराओ का चयन कर लिया गया है। खास बात यह है कि भारतीय टीम की बाकी सभी महिला शूटर तेहरान में ईरानी नियम के मुताबिक हिजाब पहनकर शूटिंग करेंगी।
एनआरएआई ने इस चैंपियनशिप के लिए 18 सीनियर व जूनियर महिला शूटरों का चयन किया है। इस चैंपियनशिप सुमा शिरूर, हरवीन सराओ और मलायका गोयल जैसी शूटर खेलने जा रही हैं। हीना के पति और उनके कोच कॉमनवेल्थ गेम्स मेडलिस्ट शूटर रौनक पंडित ने अमर उजाला से खुलासा किया कि हीना को निजी तौर पर लगता है कि खेलों के लिए हिजाब पहनने की अनिवार्यता ठीक नहीं है। वह इसके लिए तैयार नहीं हैं।
दूसरे देशों के शूटर भी पहनेंगे हिजाब
रौनक का कहना है कि ईरान में प्रवेश पर किसी भी महिला का हिजाब पहनना और घुटने से नीचे तक लंबा कोट पहनना अनिवार्य है। उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन खेलों के कंपटीशन में हिजाब पहनने के नियम पर आईएसएसएफ को ध्यान देना चाहिए।
ईरान में महिलाओं के हिजाब पहनकर खेलने का दुनिया भर में विरोध शुरू हो गया है। बीते माह ही अमेरिका की ग्रैंड मास्टर नाजी पाइकिड्जे बारनेस ने अगले साल ईरान में होने वाली वर्ल्ड महिला शतरंज में खेलने से इनकार कर दिया।
एनआरएआई अध्यक्ष रणइंदर सिंह ने कहा कि सिर्फ हीना सिद्धू को एतराज था। उनकी जगह दूसरे शूटर का चयन कर लिया गया है लेकिन बाकी सभी शूटर तेहरान में सिर, कान और मुंह ढंककर ही खेलेंगे। ईरान में हिजाब पहनना जरूरी है। ऐसा सिर्फ भारतीय शूटर ही नहीं बल्कि वहां आने वाले दूसरे देशों के शूटर भी करेंगे। यहां तक ईरान आने वाली विदेशी महिला सैलानियों को भी ऐसा करना पड़ता है।
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