500, 1000 के नोट पर बैन के बाद बढ़ गया जीबी रोड के कोठों का 'कारोबार'

नई दिल्ली। पुराने नोट बंद होने से जीबी रोड के कोठों का 'कारोबार' बढ़ गया है। यहां का व्यापार नोट बंद होने के बाद से कई गुना महंगा हो गया है। दरअसल जिन कोठों पर देह व्यापार के 200-250 रुपये चार्ज होते हैं, उन पर पिछले दो दिनों से 500 और 1000 के नोट देने पर बाकी रुपयों की वापसी नहीं है।
वहीं, मुजरा और महंगा पड़ रहा है। मुजरे पर लुटाने के लिए 10-20 के नोटों की गड्डियां कम पड़ रही हैं। आमतौर पर छोटे नोटों की गड्डियां कोठा संचालक ही ग्राहकों को उपलब्ध कराते हैं, लेकिन खुल्लों की मौजूदा किल्लत के चलते 10 के नोट वाली हजार रुपये की गड्डी पांच हजार रुपये में बिक रही है। ये अलग बात है कि 'शौकीन' लोग अभी भी गड्डियां खरीदने से गुरेज नहीं कर रहे हैं।


नवभारतटाइम्स के मुताबिक एक एनजीओ के अनुसार, वैसे तो जीबी रोड के ज्यादातर कोठों पर मुजरा बंद हो चुका है, हालांकि किसी जमाने में कोठों की शुरुआत मुजरा करने की इजाजत से हुई थी, जिसकी आड़ में बाद में देह व्यापार होने लगा और मुजरा बंद होता गया। फिलहाल एक-दो कोठे ही ऐसे हैं, जिनमें मुजरे के नाम पर अब भी डांस वगैरह होता है। वहां ज्यादातर पुराने और शौकीन कस्टमर्स ही पहुंचते हैं, क्योंकि ये शौक नोट लुटाने के चलने के चलते महंगा पड़ता है।
दूसरी ओर जिन कोठों पर देह व्यापार का 'चार्ज' 250 रुपये फिक्स है, वहां 500 और 1000 के नोट पर वापसी नहीं है। इस बारे में कोठा संचालक कस्टमर्स को पहले ही बता रहे हैं कि, या खुल्ले नोट लाएं या वापसी की उम्मीद न करें।
-सांकेतिक तस्वीर।

on Thursday, 10 November 2016 | A comment?
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